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क्या आप गलत तरीके से सांस ले रहे हैं ?

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हमारा सांस लेने का गलत तरीका हमारे तनाव में रहने का एक मुख्य कारण है ।  हम "6-pack-abs" के युग में रह रहे हैं, जहां आपके पेट की muscles को दिखाना आपकी fitness का प्रमाण है। Fitness freak, विशेष रूप से पुरुष, अपने पेट को अंदर खींचते हैं और अपनी छाती को बड़ा दिखाने के लिए सांस लेते हैं। Fitness के इन तथाकथित प्रमाणों ने हमारे सांस लेने के तरीके को बदल दिया है । यह वयस्कों में बढ़ती चिंता और तनाव (stress and anxiety) के पीछे एक प्रमुख कारण है।

कौनसी Muscles हमें सांस लेने में मदद करती हैं ?

सांस लेना केवल Lungs (फेफड़ों) का फैलना और सिकुड़ना नहीं है । इस प्रक्रिया में हमारी muscles (मांसपेशियों) का काफी बड़ा योगदान होता है । हमारे diaphragm, abdomen और पसलियों के बीच की muscles, सांस लेने में लगने वाले जोर का 80% भार वहन करती हैं । बाकी का 20% भार हमारे कंधे, गर्दन और उपरी छाती की muscles अपने ऊपर लेती हैं ।

गलत तरीके से सांस लेने से हम तनाव में कैसे आ जाते हैं ?

कुछ लोगों का यह मानना है की हमारी कमर बिलकुल पतली होनी चाहिए और साथ ही पेट की muscles (6-pack-abs) भी दिखनी चाहिए । यह मान्यता हमारे प्राकृतिक रूप से सांस लेने में सबसे बड़ी बाधक है । पतले दिखने के चक्कर में हम सांस लेने में अपने पेट के उपरी हिस्से, यानी Abdomen, का प्रयोग नहीं करते, बल्कि कंधे, गर्दन और उपरी छाती की muscles का प्रयोग ज्यादा करते हैं, जो केवल 20% बोझ लेने के लिए विकसित हुई हैं | दिन भर गलत तरीके से सांस लेने के कारण हमारी मांसपेशियों पर जो अत्यधिक और अनावश्यक खिचाव पड़ता है । जब हमारी मांसपेशियां काफी ज्यादा समय तक तनाव में रहती हैं , तो वह तनाव केवल शारीरिक न रहकर मानसिक भी हो जाता है ।

केवल रात में सोते समय हम प्राकृतिक रूप से सांस ले पाते हैं, जिसके कारण अच्छी नींद के उपरांत हमें शारीरिक और मानसिक तनाव से कुछ मुक्ति मिलती है ।

हम में से जो लोग desk-job यानी कुर्सी पर बैठने वाला काम करते हैं , वे अक्सर सही तरीके से बैठने पर काफी  ध्यान देते हैं, ताकि कमर-दर्द से बचे रहें, किन्तु सही तरीके से सांस लेने के बारे में नहीं सोचते । दिन भर केवल कंधे और गर्दन की muscles के सहारे सांस लेने के कारण हम छोटी-छोटी साँसे लेते रहते हैं और ढंग से गहरी सांस लेने पर हम ध्यान ही नहीं देते । गहरी सांस हम केवल तब लेते हैं, जब हम अनजाने में खुद को आराम देना चाहते हैं । 

आयुर्वेद के अनुसार 

आयुर्वेद एक प्राचीन स्वास्थ्य विज्ञान है, जिसका उद्देश्य केवल शरीर को स्वस्थ्य रखना नहीं, बल्कि मन और शरीर के बीच का तालमेल भी सही रखना है । आयुर्वेद के अनुसार पतला शरीर सबसे अधीक स्वस्थ्य होता है, किन्तु यदि आपका पेट सतह पर अधिक tight (सख्त) है तो वह आपके पाचन (digestion) और breathing (श्वास) दोनों के लिए हानिकारक है । जब आप belly breathing (पेट से सांस) लेते हैं , तो आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है, जो आपके शरीर में न केवल पर्याप्त उर्जा का संचार करती है, बल्कि शरीर के सभी तंत्रों (systems) को चलने में मदद करती है। यदि आप खाना खाने से पहले कुछ मिनटों के लिए deep breathing करें तो आपका भोजन अच्छे से पचता (digest) होता है ।  

सही तरीके से सांस कैसे लें ?

यह कोई rocket-science नहीं है । सही तरीके से सांस लेने के लिए आपको केवल अपने पेट का इस्तेमाल करना है । सांस लेते समय पेट फूलने से न डरें । जब आप पेट फुला कर सांस लेते है तो आप की सांस गहरी होती है और स्वास्थ्यवर्धक होती है । यदि आप बिना पेट फुलाए केवल अपनी उपरी छाती से सांस लेते हैं, तो आप छोटी-छोटी सासें लेते हैं और आपके फेफड़े (lungs) अपना पूर्ण उपयोग नहीं करते।

6-Pack-Abs बनाने के चक्कर में आप केवल पतले नहीं होते, बल्कि आपके शरीर में आवश्यक fat की भी कमी हो सकती है । साथ ही पेट के muscles बनाने के चक्कर में आप का पेट ऊपर से इतना सख्त हो जाता है की आपके प्राकृतिक सांस लेने के तरीके में भी बदलाव आ जाता है ।

दिन में 10 मिनट का समय यदि आप अनुलोम विलोम (नाड़ी शोधन) और कपालभाती प्राणायाम करने में लगते हैं, तो गलत तरीके से सांस लेने से उत्त्पन्न हुई तनाव की स्तिथि को आप कम कर सकते हैं ।  ये प्राणायाम आपके मन और आपकी भावनाओं को भी समन्वय की स्तिथि (balanced state) में रखते हैं और बढ़ी हुई एकाग्रता के कारण आप अपने सभी दैनिक कार्यों को अच्छे से कर पाते हैं ।

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