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आत्मषट्कम् ( निर्वाणषट्कम् ) with Audio

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"आत्मषट्कम्" जिसे हम "निर्वाणषट्कम्" के नाम से भी जानते हैं, "अद्वैत वेदांत" के सर्वाधिक प्रसिद्ध श्लोकों में से एक है | आठ वर्ष की आयु में जब आदि-शंकराचार्य नर्मदा नदी के किनारे एक गुरु को पाने का प्रयत्न कर रहे थे, तब गोविन्द भाग्वत्पद ने उनसे पूछा कि तुम कौन हो | इस प्रश्न के उत्तर में आदि-शंकराचार्य ने यह ६ श्लोक बोले , जिसे सुनने के पश्चात् गोविन्द भाग्वत्पद ने तुरंत उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार कर लिया था |
पहली बार पढने पर यह थोडा कठिन प्रतीत होता है, इसलिए यहाँ पर एक "सरल" का बटन दबा कर आप इन श्लोकों को सरल शब्दों में संधि-विच्छेद कर के पढ़ सकते हैं | आप इसे अन्य भक्तों के पास भी भेज सकते हैं |

आत्मषट्कम् ( निर्वाणषट्कम् )

     
क्या आप इस "निर्वाणषट्कम्" को लगातार सुनना चाहते हैं ? यदि "हाँ" तो कितनी बार :
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