Report Abuse

कालभैरवाष्टकम् with Audio (काल भैरव अष्टकम्)

Post a Comment
"कालभैरवाष्टकम्" संस्कृत भाषा में रचित नौ श्लोकों का समूह है , जिसे आदि-शंकराचार्य द्वारा रचा गया था | प्रथम आठ श्लोकों में भगवान् कालभैरव की स्तुति एवं गुणों का वर्णन है तथा एक फल श्रुति श्लोक है | कालभैरव भगवान् शिव का ही रुद्रावतार रूप है और भगवान् शिव के रक्त से इनकी उत्पत्ति हुई है | काशी नगरी को काल भैरव का मुख्य निवास स्थान माना जाता है | मान्यता है की भगवान् काल भैरव समस्त पापों का दंड दे कर आत्मा को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति देते हैं |
पहली बार पढने पर यह थोडा कठिन प्रतीत होता है, इसलिए यहाँ पर एक "सरल" का बटन दबा कर आप इन श्लोकों को सरल शब्दों में संधि-विच्छेद कर के पढ़ सकते हैं और साथ ही प्रत्येक श्लोक का अर्थ भी जान सकते हैं |

कालभैरवाष्टकम्

     
क्या आप इस "कालभैरवाष्टकम्" को लगातार सुनना चाहते हैं ? यदि "हाँ" तो कितनी बार :

Related Posts

Post a Comment